Social Hindi story about an Indian innocent girl who become characterless after false accusations from her husband.
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Hindi Story – Waqt se badlta charitra
Photo credit: xenia from morguefile.com
राधिका शरीफ लड़की थी कभी शादी से पहले प्रेम नहीं हुआ प्रेम की परिभाषा सिर्फ अपने पति से जानना चाहती थी. राधिका को फ़ख़्र था अपनी बेटी पर और हो भी क्यों न चरित्रवान, सुन्दर कन्या थी उसकी। एक आदर्श बेटी थी राधिका। १९ साल की उम्र में रिश्ता आया राधिका के लिए और मँगनी भी हो गयी और २ महीनें बाद शादी का दिन भी पक्का हो गया।
एक दिन राधिका के मंगेतर का फ़ोन आया राधिका को जैसे ही समाचार मिला शर्म से लाल हो गयी दिल तरंगे उठने लगी क्या करू कैसे बात करू ? ऐसी सवालों के साथ डरते डरते फ़ोन के पास पहुंची
राधिका – हेलो
जीत (राधिका का मंगेतर )- राधिका कैसी हो
राधिका -ठीक हूँ
जीत -अच्छा मई ये पूछ रहा था तुमने १२वी तक पढाई की है ना तो स्कूल कैसा था मतलब लड़कियों का या सब एक साथ थे
राधिका समझ नहीं पाई पर की जीत जानना क्या चाहता है। फिर जीत ने कहा मतलब तुम लड़कियों के स्कूल में पड़ी हुई हो ना
राधिका ने कहा नहीं वह सब एक साथ पड़ते थे लड़के भी और लड़कियां भी पर क्या हुआ
जीत ने कहा नहीं कुछ नहीं बस ऐसे ही तुम्हारा कोई ब्यॉयफ्रेंड था क्या
जीत की बात सुनकर राधिका सन्न रह गई वो समझ गई थी की जीत थोड़ा शक्की मिज़ाज़ का है-“जी नहीं मई ऐसा कभी ऐसा सोच भी नहीं सकती”
शाम को ये बात राधिका ने अपनी माँ को बताई उसकी माँ ने कहा देखो बेटी तुम्हारी शादी होने वाली है तुम्हारे पीछे २ बहने और भी है आदमी तो ऐसे ही होते है हमें ही शराफत से रहना चाहिए दामाद जी का शक दूर हो जायेगा फ़िक्र न करो और मँगनी तोड़ने की बात सोचना भी मत। तुम गरूर हो हमारा
तुम्हे पता है लडकिया जितनी जल्दी अपने घर जाती है उतना ही अच्छा होता है हमारे सारे रिश्तेदारों में हमारी बेटी की शादी समय से हो जायेगी बाकी लोगो की बेटियाँ २५-३० साल तक मायके में ही बैठी रहती है अगर ये रिश्ता टूटा तो तेरे पापा का नाम खराब होगा
राधिका की शादी के दिन भी नजदीक आ रहे थे पर जीत का सवाल वही तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड था जवाब ने मिलने पर मै तो मज़ाक कर रहा था
दिन कब निकल गए पता ही नहीं चला
शादी की प्रथम रात्रि में राधिका सहमी और शरमाई हुई सी सुहागरात की सेज पर बैठी हुई जीत का इंतज़ार कर रही रहीं थीं। तभी जीत आया राधिका के करीब आकर उसने कहा एक बात कहु राधिका ने सिर हिलाकर जवाब दिया हा ऐसा हो नहीं सकता लड़को वाले स्कूल में पढ़ाई के दौरान तुम्हारा कोई बोयफ़्रेंड न बना हो और तुमने क्या क्या किया उसके साथ बताओ न मुझे सब कुछ बता दो मैं तुम्हे माफ़ कर दूंगा कसम से।
राधिका रोती हुई बोली नहीं जीत जी ऐसा कभी कुछ था ही नहीं तो कैसे बताऊ
जीत ने शराब भी पी रखी थी राधिका के लिए सुहागरात भयानक रात बन रही थी कुछ ज़वाब न मिलने जीत ने राधिका को एक थप्पड़ मार दिया वो थप्पड़ इस बात का सबूत था किं राधिका की ज़िंदगी के बुरी शुरुवात हो रही है शादी के कुछ महीने बीत गए राधिका के लिए हर महीने जहन्नुमम् जैसा था पर मायके में भी नहीं कह रही थी.
जीत की हरकते हर दिन बढ़ती जा रही थी राधिका को जीत ने मायके जाने को कहा राधिका मायके चली गई ये सोच कर कि शायद कुछ दिन बाद जीत मुझे लेने आएगा पर कई दिन बीत गए वो नहीं आया पर जीत की जगह उसका भेजा हुआ तलाक पत्र आया
राधिका को चरित्रहीन कहा गया. राधिका चुपचाप हस्ताक्षर कर दिए छ माह की दुल्हन तलाकशुदा औरत में बदल गई.आस पास का माहौल भी राधिका के खिलाफ होने लगा .माहौल के साथ साथ राधिका बदल गई बॉयफ्रेंड से भी काफी आगे के रिश्तों में उलझी थी .वो भूल गई खुद को किसी भी वजह से अपना अस्तित्व मिटाना अकलमंदी तो नहीं.
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