This Hindi poem Highlights the feel of an old age Kiss in which the poetess remembered Her adolescent age when She was engaged with Her Husband in a deep kiss but as the Time pass They Both forgot the role of Kiss in their intimate period.
अधरों को अधरों पर रख सारी रात ……… अधरों की बातें होने लगी ,
आज कई साल बाद फिर से उन अधरों की……मुलाक़ातें होने लगीं ।
हम तो ये भूल ही चुके थे ……. कि गर्मी होती है यहाँ भी ,
अधरों में भी बसते हैं………. एहसासों के नए जहाँ भी ।
वो बदल गए थे शायद ……या फिर से जवान हुए थे ,
जो जिस्म को छोड़ परे ……… आज अधरों को भिगो रहे थे ।
अक्सर यही होता है गर महसूस करो तो ……. कई साल शादी के बाद ,
जब दिल फिर से जवान होने लगता है………. बढ़ती हुई एक उम्र के साथ ।
उनके अधरों को समझा था ……कल रात पहली बार हमने ,
कि वो भी प्यासे रहते हैं ……बताने को कई राज़ अपने ।
यूँ तो “Kiss” होती है अक्सर ………प्यार की पहली शुरुआत ,
जिसमे प्रेमी डूब जाते हैं ……… पाकर के नए-नए ज़ज़बात ।
हम भी बन गए थे कल रात …… फिर से शायद कोई प्रेमी युगल ,
जो अँधेरी रात में मशगूल थे ……… पढ़ने को कोई नयी ग़ज़ल ।
वो इश्क़ की पहली शुरुआत …… कई साल बाद फिर से जो हुई थी ,
जब जिस्मानी मिलन को भूल फिर से …… अधरों की एक चाह हुई थी ।
उन्होंने बनाकर अधरों को एक सवाल ……… खोजा था उनमे एक नया जवाब ,
कि गर अधरों से करो काफी उम्र के बाद बातें ……तो और भी नशीली लगती हैं ये इश्क़ से भरी रातें ।
जो अधर अब तक अपना रस्ता भूल चुके थे ……… वो पाकर के हमराही फिर से झूम रहे थे ,
कभी बातें उनकी शोखी बिखेर जाती थीं ……तो कभी नयी शोखी उन्हें अपना रस पिलाती थीं ।
अधरों ने अधरों को सताया सारी रात था ………. फिर भी सुबह हर लम्हा ज़हन में मेरे साथ था ,
कभी अपने अधरों को मैं बेवजह छुपाती थी ……तो कभी उन पर लगे सोमरस को याद करके ………. विचलित सी हो जाती थी ।
हाँ उनके अधरों का वो एहसास बहुत निराला था …… जिसने मेरे अंगों को कर दिया मतवाला था ,
मैं उन बातों को सीने में सहेज धीमे से मुस्कुरा गयी ……… क्योंकि अधरों की जवानी मुझे कल फिर से याद आ गयी ॥