“क्या मैं कहूँगा तो तुम लौट आओगे”

Hindi Love Story – Kya Main kya kahunga..
Photo credit: presto44 from morguefile.com
सुबह उठा नहीं था कभी, पर आज नींद ही नहीं आई उठता कैसे, उठा ही हुआ हूँ.
आज जो हो उसे जाने नहीं देना, कैसे जा सकती है, हो सकता है हम फिर कभी न मिलें। नहीं मैं उसे जाने नहीं दे सकता।
सारी रात यूँ चाँद सितारों को निहारते हुए ही बिता डाली। ये सुबह मेरी चाँद को भी कहीं छुपा न दे। कम से कम आसमान के चाँद को संध्या फिर रात के हवाले कर जाती है पर मेरी ज़िन्दगी में कोई सूरज है तो कोई किरण तो कोई उजाला। कोई मुझ रात को ऐसी संध्या नसीब नहीं जो मेरे चाँद को मुझे दिला दे।
इसी कस्मकस में ये रात तो कट गयी। चलो अब अपनी चाँद को रोकना है जाने से…
ये रास्ते भी न पता नहीं क्यों इतनी लंबी होती है। मुझे उसके साथ बिताये पल एक एक कर याद आ रहे हैं…
वो रात ही था जब वो अपने छत पर बच्चों के साथ खेलते दिखी थी, कुछ देर के लिए असमंजस में था ज्यादा खूबसूरत कौन है, ये जमीं का चाँद या वो आसमान का चाँद। लेकिन आसमान का चाँद तो हमेशा रोशन नहीं रहता लेकिन ये चाँद तो हमेशा रोशन है। नजरें मिली, पल जैसे ठहर सा गया था। यादें थोड़ी धुंधली होती है पर वो पहली बार नजर का मिलना हमेसा नया सा रहा। ताजा रहा।
उसके बाद सप्ताह बित गया पर वो दिखी ही नहीं। कई बार उसके गली का चक्कर काटा था। कई दोस्त बन गए थे नए। बस दिल के दरवाजे पर दस्तक चाहिए थी उसकी। दरवाजे तो वो खटखटा ही चुकी थी।
मुझे तो क्या किसी को भी पता नहीं चल पा रहा था। मोहले में नई नई थी उसकी फ़मिली तो अभी पहचान भी नहीं हुई थी। फिर भी जिससे इश्क़ हो जाये किसी न किसी तरह उसकी बाते पता कर ही लेते हैं लोग।
पता चला वो अपने बुआ की लड़के के शादी में गयी है। गलती से उसका बुआ का बेटा मेरे दोस्त का दोस्त निकल गया। इश्क़ प्यार मोहब्बत में आप वो सब भी कर जाते हो जो कभी न किया ही न करने की कोशीश की हो। पहुँच गए बिना invitation। और फिर दोस्ती के नाते शादी के माहौल में ठहाकों की गूंज और मस्तियाँ चलती रही। बस नजरें मिलती उससे और मुस्कुराना होता। ऐसे ही दिन बित गए।फिर बिछड़ना। उफ्फ्फ्फ्फ़
शादी में ही पता चला की अब वो किसी और शहर जा रही है। दिल तड़प उठा। बस आज वो बाहर मिल रही है। लेकिन जाते हुए।
स्टेशन आ गया। देखते ही उसका चेहरे खिल गया। बस आज बोल ही देना है।
अभी वो अकेली थी वहां पर उसके पापा कुछ लाने गए थे उसके लिए।
I love you Chhaya…
वो मुड़ी और देखकर सकपका गयी। लेकिन फिर एक लंबी स्माइल थी उसके फेस पर। तभी उसके पापा आ गए। और बात अधूरी रह गयी। जवाब भी नहीं मिल पाया था।
उस दिन एहसास हुआ की सिर्फ सूरज, किरण, उजाला ही दुसमन नहीं होते। जब कुछ सही हो तो काले बादल भी तो होते हैं।
ट्रेन आई और वो जाने लगी
बस जाते हुए मैं उससे यही कह पाया था
“क्या मैं कहूँगा तो तुम लौट आओगे”
बदले में कोई शब्द तो नहीं कोई वादा तो नहीं बस उसकी स्माइल मिली थी और इन्तजार
आज भी उस स्माइल को अपना बनाये रखा है
और इन्तजार ने कई नगमे सजा रखा है
###
अक्स