This Hindi poem highlights the pain of a person in which He competes with others , but get defeated and could not get His name in the result list. So in a state of depression He tried to console His heart and made it believe that one day He will be the winner too.
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Social Hindi Poem – Ro Naa Tu Aaj Ye Dil
Photo credit: Schick from morguefile.com
रो ना तू आज ये दिल …………. अपनी बर्बादी पर ,
कभी तू ही तो खुश था ना ……… अपनी आबादी पर ,
ये बर्बाद और आबाद ख्यालों की ही तो ……… महफ़िल है ,
आज ख़ुशी तो कल गम सहने की ……… एक पहेली है ।
उम्मीद से बँधा था जो दिल …………. वो टूट गया एक झटके में ,
साँसें ऐसी थम गईं जैसे भटका कोई मुसाफ़िर ……… बीच रस्ते में ,
तो क्या हुआ , अब फिर से हम खोजेंगे ……… नई मंज़िल और नया रास्ता ,
रो ना तू आज ये दिल ……… तुझे देते हैं हम खुद का वास्ता ।
फक्र हुआ था हमें भी कभी …………. अपनी क़ामयाबी को देखकर ,
और रंज है अब बहुत औरों के आगे अपनी ……… हार को स्वीकार कर ,
तो क्या हुआ , अब फिर से हम ……… उस हार को जीत बनाएँगे ,
रो ना तू आज ये दिल ……… तेरे सामने ही एक दिन एक नया जहान बसाएँगे ।
हमें लगने लगा था अब …………. कि हमने क़ामयाबी सीख ली ,
दूसरों को धराशायी करने की तरकीब ……… अपनी मुट्ठी में भींच ली ,
तो क्या हुआ , अब फिर से हम ……… नई तरकीब कोई आजमाएँगे ,
रो ना तू आज ये दिल ……… तेरे गले में अगली बार अपनी विजय माल फहराएँगे ।
नाम अपना ढूँढने को हमने …………. कई बार सूची को पढ़ लिया ,
और नाम ना मिलने पर खुद का ……… आँसुओं से इन नैनों को भर लिया ,
तो क्या हुआ , अब ये जरूरी नहीं ……… कि हर बार नाम हमारा ही चमकेगा ,
रो ना तू आज ये दिल ……… औरों की भाँति एक दिन , किस्मत का सितारा यहाँ भी दमकेगा ।
ये उम्र नहीं है अब हमारी …………. यूँ जीत और हार का जश्न मनाने की ,
ये तो बस एक बहती धारा है ……… जिसमे डूब कर इच्छा होती है कुछ गाने की ,
तो क्या हुआ , अब जो हम इस तरह से ……… ग़मगीन होकर डूबने जाएँगे ,
रो ना तू आज ये दिल ……… गर आज हारें हैं , तो कल जीत भी अवश्य ही जाएँगे ।।
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