This Hindi poem highlights the thoughts of a beloved, in which she remembers Her Lover’s Love in a deep thought and later she remembers that she is just dreaming His company.
फिर वही एक तीखी सी चुभन ……… दिल के आर-पार हो गई ,
तेरे प्रेम की गर्मी से मैं …………. तार से बेतार हो गई ।
फिर वही फ़साना मेरा …………. मुझको यूँ बेजार कर गया ,
तेरे प्रेम का हर लम्हा ………. मेरे साथ-साथ सा बंध गया ।
फिर वही तन्हाई में ………मैं दस कदम की मोहताज़ बन गई ,
तेरे प्रेम की मस्ती में खुद को ………महताब कर गई ।
फिर वही सूनी सी रातों में ……… मैं चाँद-तारों को तकने लगी ,
तेरे प्रेम में खुद के मन का ………. धीरज सा मैं अब खोने लगी ।
फिर वही अधरों ने अधरों से ……… मिलने की एक ख्वाइश क्यूँ करी ?
तेरे प्रेम की चाहत में अब …………. मैं खुद को डुबोने लगी ।
फिर वही गर्म सी साँसों में …………. अब साँसों को घुलना आ गया ,
तेरे प्रेम में अब हमको ………. गर्म साँसों का मतलब समझ आ गया ।
फिर वही बीते हुए लम्हों की कसक ………रातों को अक्सर जगाने लगी ,
तेरे प्रेम की मंद होती झलक ………हमें और अब रुलाने लगी ।
फिर वही कहकशा तेरे साथ का ……… मेरे होठों पर मुस्कुराने लगा ,
तेरे संग गुज़ारा वो रंगीन समां ………. मुझे और भी याद आने लगा ।
फिर वही मस्तियाँ तेरे साथ की ……… मुझे साथ तेरे तड़पाने लगीं ,
तेरे प्रेम की सरगर्मियाँ अब …………. तेरे प्रेम को ही बहकाने लगीं ।
फिर वही तेरी गहराइयाँ ……… मेरे अंदर उतर जाने को कहीं बेताब हुईं ,
तेरे प्रेम के मर्म को समझने की चाहत में …………. और ज्यादा कहीं बर्बाद हुईं ।
फिर वही नाद तेरे प्रेम का …………. चारों ओऱ से बजने लगा ,
कभी तुमको कभी हमको ………. अपनी मस्ती में भिगोने लगा ।
फिर उसी प्रेम को हमने भी ………अपने मन से एक आवाज़ दी ,
तेरे साथ बिताने मद भरी रातों को ………अपने दिल में एक झंकार दी ।
फिर वही सपना मेरा ……… एक सपना ही बनकर रह गया ,
जिसमे तेरा साथ हर बार की तरह ही ………. ख्यालों में कहीं बह गया ।
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