• Home
  • About Us
  • Contact Us
  • FAQ
  • Testimonials

Your Story Club

Read, Write & Publish Short Stories

  • Read All
  • Editor’s Choice
  • Story Archive
  • Discussion
You are here: Home / Hindi / Zinda Laashon Par Kya Likhein

Zinda Laashon Par Kya Likhein

Published by praveen gola in category Hindi | Hindi Poetry | Poetry with tag dead body | human

shadow-hindi-poem

Hindi Poem – Zinda Laashon Par Kya Likhein
© Anand Vishnu Prakash, YourStoryClub.com

ज़िंदा लाशों पर क्या लिखें ………. ज़िंदा लाशों पर क्या लिखें ?
लिखें हम उन लाशों पर ………. जो मुर्दों की तरह ना जियें ।

अपने में ही मस्त रहना …… ज़िंदा लाशों का करम होता ,
उन्हें ना किसी की परवाह होती …… ना किसी का दर्द होता ,
क्यूँ देखें हम ऐसी लाशों को ……… जिनकी कोई पहचान नहीं ,
देखें हम उन लाशों को ………. जो जियें बिन नाम सही ।

ज़िंदा लाशों पर क्या लिखें ………. ज़िंदा लाशों पर क्या लिखें ?
लिखें हम उन लाशों पर ………. जो मुर्दों की तरह ना जियें ।

कर्मठ हाथों को जब देखते हैं हम …… बहुत सी लाशों के बीच ,
तो ज़िंदा और मुर्दा लाशों का फर्क …… ढूँढ़ते हैं अपनी आँखों को मीच ,
ज़िंदा लाश का कोई अक्स नहीं ……… कोई वजूद नहीं होता ,
ज़िंदा लाश का कोई नाम नहीं ……… कोई अरमान नहीं होता ।

ज़िंदा लाशों पर क्या लिखें ………. ज़िंदा लाशों पर क्या लिखें ?
लिखें हम उन लाशों पर ………. जो मुर्दों की तरह ना जियें ।

ये जीवन बड़ा अनमोल है ……… फिर क्यों हम ज़िंदा लाश बनें?
आओ पल-पल इसमें डूब के ………. अपने कर्मों का इतिहास रचें ,
मुर्दे तो बनकर सभी ने …… एक दिन चले जाना है ,
पर मुर्दों की तरह हम ना जियें …… ऐसा रँग हमें भर जाना है ।

ज़िंदा लाशों पर क्या लिखें ………. ज़िंदा लाशों पर क्या लिखें ?
लिखें हम उन लाशों पर ………. जो मुर्दों की तरह ना जियें ।

मैं लिखने के लिए जब भी उतरती हूँ ……… इस इंसानों की नगरी में ,
तो बहुत सी ज़िंदा लाशों को ……. करती हूँ बंद अपनी अंजुली में ,
फिर मैं सोचती हूँ खुद से ही …… कि क्यूँ इन्हे ये मानस जीवन मिला ?
जिनपर चाहकर भी मेरा मन अब तक ………. कुछ भी ना लिख सका ।

ज़िंदा लाशों पर क्या लिखें ………. ज़िंदा लाशों पर क्या लिखें ?
लिखें हम उन लाशों पर ………. जो मुर्दों की तरह ना जियें ।

मगर फिर अगले ही पल जब ढूँढती हूँ …… उन सुन्दर भावों को ,
जो सिर्फ कर्म से ही बनते हैं श्रेष्ठ ……. बिन देखे सपने रातों को ,
और तब उनपर कुछ लिखने का ……. एक और ही मज़ा आता है ,
क्योंकि वही व्यक्ति ही सर्वश्रेष्ठ ………. मनुष्य योनि की श्रेणी में आता है ।

ज़िंदा लाशों पर क्या लिखें ………. ज़िंदा लाशों पर क्या लिखें ?
लिखें हम उन लाशों पर ………. जो मुर्दों की तरह ना जियें ।

इसलिए एक पहचान बनो सब …… इस माया नगरी की ,
समझ के फर्क ज़िंदा और मुर्दा लाशों का …… एक शान बनो इस धरती की ,
ढोते-ढोते इस तन का बोझ …… तब तक तुम नहीं रुकना ,
जब तक लोग तुम्हे लाश कहकर ये ना कहें …… कि इस पर है अब रोना ॥

***

Read more like this: by Author praveen gola in category Hindi | Hindi Poetry | Poetry with tag dead body | human

Story Categories

  • Book Review
  • Childhood and Kids
  • Editor's Choice
  • Editorial
  • Family
  • Featured Stories
  • Friends
  • Funny and Hilarious
  • Hindi
  • Inspirational
  • Kids' Bedtime
  • Love and Romance
  • Paranormal Experience
  • Poetry
  • School and College
  • Science Fiction
  • Social and Moral
  • Suspense and Thriller
  • Travel

Author’s Area

  • Where is dashboard?
  • Terms of Service
  • Privacy Policy
  • Contact Us

How To

  • Write short story
  • Change name
  • Change password
  • Add profile image

Story Contests

  • Love Letter Contest
  • Creative Writing
  • Story from Picture
  • Love Story Contest

Featured

  • Featured Stories
  • Editor’s Choice
  • Selected Stories
  • Kids’ Bedtime

Hindi

  • Hindi Story
  • Hindi Poetry
  • Hindi Article
  • Write in Hindi

Contact Us

admin AT yourstoryclub DOT com

Facebook | Twitter | Tumblr | Linkedin | Youtube