Hindi Poems on School Days and Friends
1. जाने हम कब बदल गए… Hindi Poem
खामोशी के पन्नो पर बचपन की याद लिख दे ,
इन अनसुनी राहों पर आज कोई फ़रियाद लिख दे .
वो कोमल सी निष्पाप हँसी , वो खिलखिलाता सा मन ,
ना जाने इन यादों में , कैसे खो गया बचपन !
पलट कर देख, वही महका समां है ,
यादों की करवटों में झूमता जहां हैं .
बचपन की डोर ने जाने कितने रिश्ते हैं बांधे ,
प्यार से , मासूम गांठें हैं बाँधीं .
आज़ाद था मन , आज़ाद थे हम ,
दुःख , पीड़ा , ईर्ष्या , द्वेष , कहाँ जाने थे हम .
दोस्तों की बातें दिल की नजदीकियां बन जाती थीं ,
आपसी तकरार जीवन की नवनिधि बन जाती थी .
क्या थे वो दिन बस यूँ ही गुज़र गए ,
गुमनाम इन राहों में , जाने हम कब बदल गए !
यादों का संचार है,
जिन पर हमें अभिमान है .
इन यादों को आज मेरा सलाम है ,
जिन यादों में डूबता ये जहां हैं.
2. हम चल दिए…. Hindi Poem
कानों में घंटी की आवाज़ फिर गूँज उठेगी ,
टीचर की प्यार भरी डांट जैसे कानों को छू कर निकलेगी .
हँसीं के ठहाके , फिर थोड़ी सी शरारत ,
दोस्त की प्यार भरी मुस्कान , फिर थोड़ी सी नज़ाकत .
संजोयी हैं यादें यहाँ कितनी सारी ,
जाने ज़िन्दगी कब उड़ चली .
स्कूल की हर याद जैसे दिल के भीतर बस जायगी ,
याद आएंगे ये पल , याद आएगी ये दुनिया .
आँखों के समक्ष हर पल की धुंधली तस्वीर लौट आएगी ,
कानों में जैसे हर लफ्ज़ की झंकार सुनाई पड़ जायगी .
मैडम के प्यार , आशीर्वाद के लिए लम्हे तरस जायेंगे ,
दोस्तों की एक झलक के लिए , आँखें नम हो जायंगी .
प्यार की मज़बूत डोर बंध जायगी ,
यादों की डोलियाँ जो हमारे संग जाएँगी ,
जब स्कूल के जीवन की गतिविधि पूरी होगी….
चल पड़ेंगे हम अपनी नयी दुनिया बसाने ,
ख़्वाबों के नए दीप जलाने .
सपनों की नयी आस जगेगी ,
यादों की वही डोली सजेगी .
थिरक जायेंगे कदम नयी धुन पर ,
ठहर जाएगी हवा नयी सरगम पर .
खिलेंगे नए फूल इस गुलशन में ,
नयी कलियों की महक आँगन में बहेगी ,
जब स्कूल के जीवन की गतिविधि पूरी होगी….
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