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Mujhe Vaadon Mein Naa Baandho Sanam

Published by praveen gola in category Hindi | Hindi Poetry | Poetry with tag live-in | Love | relations | secret

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Hindi Love Poem – Mujhe Vaadon Mein Naa Baandho Sanam
Photo credit: taliesin from morguefile.com

मुझे वादों में ना बाँधो सनम ………. तुम्हे है मेरी कसम ,
मुझे वादों से लगता भरम …… तुम्हे सच कहें ,सुनो ना तुम ।

मैं खुद~ ब ~ खुद चली आऊँगी ……… जब तड़प रहे होगे , तुम मेरी यादों में ,
मैं अपना दिल भी चीर लाऊँगी ……… जब तुम्हारे दिल में लगेगी , आग ये ।

मुझे वादों में ना बाँधो सनम ………. तुम्हे है मेरी कसम ………

ये वादे बहुत दर्द देते हैं ……… इनको तोड़ने पर एक पाप लगे ,
ये कभी तो ज़ख्म देते हैं ……… और कभी ये एक अभिशाप लगे ।

मुझे वादों में ना बाँधो सनम ………. तुम्हे है मेरी कसम ………

अपने रिश्ते में जगह नहीं ……… किसी वादे और कसमों की ,
ये है एक खुला-खुला सा सफर ……… जिसकी डोर है बिन रस्मों की ।

मुझे वादों में ना बाँधो सनम ………. तुम्हे है मेरी कसम ………

तुम वादे जो लोगे आज मुझसे अभी ……… मैं टूट कर बिखर जाऊँगी ,
उसे अपने दिल पे एक बोझ मान ……… अपनी हस्ती को ही मिटा जाऊँगी ।

मुझे वादों में ना बाँधो सनम ………. तुम्हे है मेरी कसम ………

हम-तुम जिएँगे सौ सालों तक ……… मगर बिना ही वादों के ,
ना कोई शरम तब होगी यहाँ ……… ना कोई भेद दीवारों के ।

मुझे वादों में ना बाँधो सनम ………. तुम्हे है मेरी कसम ………

ये वादे बड़े ही बैरी होते हैं ……… अक्सर इंसान के सनम ,
जब टूटते हैं कभी भूल से भी ……… तो तकलीफ देते हैं , ये हमदम ।

मुझे वादों में ना बाँधो सनम ………. तुम्हे है मेरी कसम ………

मैं हर बार तुम्हारे कहने पर ……… इन वादों को निभाने की होड़ में जीऊँ ,
मगर फिर इन वादों को समझने को ……… और भी मुश्किल में पडूँ ।

मुझे वादों में ना बाँधो सनम ………. तुम्हे है मेरी कसम ………

ये वादे सताते हैं मुझे ……… ये देते हैं एक अंजाना सा डर ,
बिना इनमे बँधे हुए मैं ……… पी जाती हूँ कड़वा सा ज़हर ।

मुझे वादों में ना बाँधो सनम ………. तुम्हे है मेरी कसम ………

मुझे नफरत है इन वादों से ……… जो एक कमज़ोर दिल की ढाल बने ,
मैं बिंदास रहूँगी संग तेरे ……… गर अपने रिश्ते पर ना कोई मोहर लगे ।

मुझे वादों में ना बाँधो सनम ………. तुम्हे है मेरी कसम ………

ये वादे निभाना मैंने सीखा नहीं ……… तुम मत दो मुझे इनकी कसम ,
क्योंकि वादे तो वादे ही रह जाएँगे ……… चाहे कर लो तुम इनसे लाख जतन ।

मुझे वादों में ना बाँधो सनम ………. तुम्हे है मेरी कसम ………

मुझे वादों में ना बाँधो सनम ………. तुम्हे है मेरी कसम ,
मुझे वादों से लगता भरम …… तुम्हे सच कहें ,सुनो ना तुम ।।

***

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