• Home
  • About Us
  • Contact Us
  • FAQ
  • Testimonials

Your Story Club

Read, Write & Publish Short Stories

  • Read All
  • Editor’s Choice
  • Story Archive
  • Discussion
You are here: Home / Hindi / Kalam Aur Yakub

Kalam Aur Yakub

Published by praveen gola in category Hindi | Hindi Poetry | Poetry with tag country

याकूब और कलाम ……… दोनों ही थे मुसलमान ,
मगर एक को मिला सम्मान ……… और दूजे को मिला आतंकी नाम ,
एक मिटा गया नफरत धर्मों की ……… और दूजा बढ़ा गया और नफरत अपने कर्मो की ,
एक ने इस मुल्क में कमाया नाम ………. और दूजे ने इस मुल्क को किया बदनाम ।

याकूब और कलाम ……… दोनों ही थे मुसलमान ………

डॉक्टर कलाम ने राष्ट्रपति बन अपनी पहचान बनाई ……… करोड़ों लोगों की नम आँखों से यहाँ विदाई पाई ,
अपने नाम का रच इतिहास वो श्रद्धांजली पा ……… हर बड़ी हस्ती को अपने क़दमों पे झुका ,
जब सुपुर्द ~ए~ ख़ाक में मिल जाने को तशरीफ़ हुए ………. तब ना जाने कितने ही दिलों की दुआओं के तौफ़ीक़ हुए ।

याकूब और कलाम ……… दोनों ही थे मुसलमान ………

याकूब के सुपुर्द ~ए~ ख़ाक को क्या बयाँ करें ……… जिसका जिस्म लावारिश लाशों की तरह घंटों तक भटकता रहे ,
और जब उसके चहेते उसे ले जाने को मातम मनाएँ ……… तब करोड़ों लोग उसके हालातों पर एक जश्न मनाएँ ,
दुआओं से कहीं दूर वो दोजख में भी जगह ना पाए ………. जन्नत नहीं उसके लिए तो हर दरवाज़ा बस बंद नज़र आए ।

याकूब और कलाम ……… दोनों ही थे मुसलमान ………

डॉक्टर कलाम अपने नाम के कई श्यामपट्ट यहाँ लिखवा गए ……… इस जन्मभूमि के क़र्ज़ को मरने के बाद भी चुका गए ,
एक “मिसाइल मैन” बन कर वो हमेशा अमर रहें ……… अपने कर्म से वो अपने धर्म के भेद-भाव को मिटा गए ,
जिस शब्द से अक्सर इस हिन्दुस्तान में रहता है एक भेद-भाव ………. उसी शब्द में छिपे “मुसलमान ” का सच्चा अर्थ वो समझा गए ।

याकूब और कलाम ……… दोनों ही थे मुसलमान ………

याकूब ने ना केवल अपनी पूरी कौम पर दाग लगाया ……… अपितु अपनी आने वाली कौम को ख़त्म करने का एक जाल खुद ही बिछाया ,
हर मुल्कवासी अब उस कौम में एक “आतंकी ” की झलक पाएगा ……… पहले से बदनाम दूसरे मुल्क को भी अब अपना शत्रु ही कह पाएगा ,
याकूब जैसे उदाहरण ढूँढने पर भी ना ढूँढ सकेंगे हम ………. ” जिस थाली में खाया उसी में छेद ” जैसे उपसर्गों से अब उसे गड़ेंगे हम ।

याकूब और कलाम ……… दोनों ही थे मुसलमान ………

ये सब कर्मों की ही है पहचान जिससे एक आत्मा को यहाँ सम्मान मिले ……… ये सब कर्मों की ही है शान जिसमे व्यक्ति विशेष को नया नाम मिले ,
याकूब और कलाम दोनों ही यहाँ अपनी एक अलग पहचान बना गए ……… उनके नाम को साथ लिखते ही देखो मेरे हाथों में भी पसीने आ गए ,
याद रखो कि हर मुल्क, जाति और धर्म से भी ऊपर है सिर्फ एक “व्यक्ति विशेष ” ………. इसीलिए जोड़ा है मैंने इनके नाम को साथ-साथ ताकि दे सकूँ आप सबको एक नया सन्देश ॥
***

Read more like this: by Author praveen gola in category Hindi | Hindi Poetry | Poetry with tag country

Story Categories

  • Book Review
  • Childhood and Kids
  • Editor's Choice
  • Editorial
  • Family
  • Featured Stories
  • Friends
  • Funny and Hilarious
  • Hindi
  • Inspirational
  • Kids' Bedtime
  • Love and Romance
  • Paranormal Experience
  • Poetry
  • School and College
  • Science Fiction
  • Social and Moral
  • Suspense and Thriller
  • Travel

Author’s Area

  • Where is dashboard?
  • Terms of Service
  • Privacy Policy
  • Contact Us

How To

  • Write short story
  • Change name
  • Change password
  • Add profile image

Story Contests

  • Love Letter Contest
  • Creative Writing
  • Story from Picture
  • Love Story Contest

Featured

  • Featured Stories
  • Editor’s Choice
  • Selected Stories
  • Kids’ Bedtime

Hindi

  • Hindi Story
  • Hindi Poetry
  • Hindi Article
  • Write in Hindi

Contact Us

admin AT yourstoryclub DOT com

Facebook | Twitter | Tumblr | Linkedin | Youtube