This Hindi poem highlights the importance of men and emphasizes the women to recognize their contribution as they too are involved behind the success of any women
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Hindi Poem – Faithful Men
Photo credit: mvictor from morguefile.com
हर मर्द दुनिया में …..दगाबाज़ नहीं होता ,
हर मर्द इस जहां में …….सौदेबाज़ नहीं होता ।
जिस तरह से औरत का हाथ होता है …..किसी मर्द की कामयाबी में ,
उसी तरह से मर्द की भी साझेदारी होती है ……औरत की सफलताओं में ।
मैंने जब-जब भी ऊँचाई को पाने के लिए ……कदम अपना कोई बढ़ाया ,
तब किसी न किसी मर्द ने उसमे ……अपने होने का एक एहसास कराया ।
किसी ने दफ्तरों में दौड़ लगा …….मेरे कागजों को एक पहचान दी ,
तो किसी ने छाती ठोक अपने सीने की ……मेरी राहों में एक नयी जान दी ।
कोई धूप में खड़ा होकर भी ……मेरा हाथ छाँव में घसीट रहा ,
तो कोई बिना नाम …..बिना पहचान के …..मेरे अरमानो में खुशियाँ बिखेर रहा ।
कोई दोस्त बन इन राहों का ……मेरा मददगार बना ,
तो कोई भाई का रिश्ता बना …….अपनी बहना का सपना संवार रहा ।
ना जाने फिर भी क्यूँ ये “औरत” जात ……मर्दों से इतना घबराती है ,
हर दूसरे “मर्द” पर …….”वहशी दरिन्दे” की संज्ञा लगा जाती है ।
कभी मर्दों को गर मर्दों की नज़र से …..समझने की वो कोशिश करे ,
तो उनके पास भी “दिल” होता है …..ये जान ……उनके वजूद की वो कद्र करे ।
हाँ ,ये सच है कि …..धोका खा जाती हैं अक्सर …….मर्दों से ही नारियाँ ,
मगर उस धोके के पीछे छिपी होती हैं ……उनकी ही बेवफाई भरी कहानियाँ ।
घर पहले ही कोई मर्द ……औरत की सच्चाई से रु~ब~रु होगा ,
तो वो औरत से दगाबाजी की …….कभी भी कोई भूल न करेगा ।
मर्द अक्सर ऐसे होते हैं …..जो औरत की समाज में ……एक पहचान बना जाते हैं ,
उसको कामयाबी की सीढ़ी चढ़ा ……खुद उस सीढ़ी की ….. एक शाख बन जाते हैं ।
इसलिए मर्दों को पहचानने की …….हो सके तो एक कोशिश जरूर करना ,
सिर्फ “मर्द” समझकर उसको दुत्कारने की …….मत छोटी सी कभी भी ये भूल करना ।।
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