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Hindi Poem – Beautiful Gift of God
Photo credit: Karpati Gabor from morguefile.com
आँखों में जब आँसू थे
आपने उसे पोछा था
दिल में जब जब दर्द उठा
आपने बिन कहें उसे समझा था
मिनतें की थी मुझे पाने की
खुशी थी मेरे आने की
बच्चे होने का फ़र्ज़ हम निभा पायें या ना निभा पायें
पिता होने के हर फ़र्ज़ निभाए हैं आपने
शत शत नमन
हर पल नमन
आपकी मोहब्बत को नमन
दिल से नमन
रात को रोते बिलखते थे हम
एक रोटी खाने को लाखों नाटक करते थे हम
फिर भी हमारे पीछे भागती थी आप
दर्द लाखो उठाए हुमारे खातिर सदा
उस मोहब्बत को एक बार फिर
शत शत नमन हर पल नमन
दिल से नमन
सच ही कहा जिसने कहा
माँ बाप से ऊँचा कोई नही
बच्चे होने का फ़र्ज़ हम निभा पाए या ना निभा पाए
माँ बाप के हर फ़र्ज़ निभाए है आपने
बागों के हर फूल को दिल से सीचें है यह ऐसे माली
ना चाह है ना माँग है
सिर्फ़ देने को इनके हाथ हर पल तैयार है
इस मोहब्बत को दिल से
शत शत नमन
हर पल नमन
दिल से नमन
ज़िंदगी भर जो गम दिए आज दिल पारेशान हैं
जो तुम को ना दे सके आज खुद से हैरान है
एक पल को आए वो वक़्त वापस दूँ तुझको जो देना पाए
फिर दिल से एक बार कहूँ की आपकी मोहब्बत को
शत शत नमन
हर पल नमन
दिल से नमन
हमको खिला के भूखे पेट तुम सोए हो
हमारी बीमारी में हम से ज़्यादा तुम ही तो रोए हो
माँ बाप का क़र्ज़ तो अदा हो ना सके
हाँ पर तुम्हारे उन बलिदान को हमारा
शत शत नमन
हर पल नमन
दिल से नमन
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