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Kuch Hai Khaali

Published by praveen gola in category Hindi | Hindi Poetry | Poetry with tag Life | Love

Hindi Love Poem

Love Poem in Hindi – Kuch Hai Khaali
© Anand Vishnu Prakash, YourStoryClub.com

कुछ है खाली , हम दोनों के बीच ……… अपनी साँसों से , जो तुम भरते हो ,
कुछ है खाली , हम दोनों के बीच ……… अपनी बातों से , जो मैं भरती हूँ ।

कुछ है खाली छुपा-छुपा , कुछ है खाली नया-नया ,
कुछ है खाली एक नया सा रंग , कुछ है खाली एक नई उमंग ,
कुछ है खाली , हम दोनों के बीच ……… अपनी साँसों से , जो तुम भरते हो ,
कुछ है खाली , हम दोनों के बीच ……… अपनी बातों से , जो मैं भरती हूँ ।

खालीपन इस जीवन का ……… ले आया हमें और करीब ,
खालीपन इस तन का ……… लिख लाया हमारा भी नसीब ,
मैं खाली-खाली सी फिरती थी …… पाने को एक अनजान डगर ,
मैं खाली-खाली सी गिनती थी …… वो सपने जिनके हों अपने नगर ।

कुछ है खाली , हम दोनों के बीच ……… अपनी साँसों से , जो तुम भरते हो ,
कुछ है खाली , हम दोनों के बीच ……… अपनी बातों से , जो मैं भरती हूँ ।

तुम भरने आए मेरा खालीपन ……… अपने खालीपन के साथ ,
तुम देने आए नए सपन ……… अपने सपनों की दे सौगात ,
हर रिश्ते का एक नाम हो …… ये जरूरी नहीं इस खाली जीवन में ,
बस खालीपन का एक पड़ाव हो …… ये जरूरी है इस नए सफर में ।

कुछ है खाली , हम दोनों के बीच ……… अपनी साँसों से , जो तुम भरते हो ,
कुछ है खाली , हम दोनों के बीच ……… अपनी बातों से , जो मैं भरती हूँ ।

तुम्हारी साँसें जब चलती हैं ……… तब इस दिल की धड़कने बढ़ती हैं ,
मेरी साँसें जब चलती हैं ……… तब तुम्हारे दिल में हलचल मचती है ,
यही खालीपन ही तो …… ले आया हम दोनों को करीब ,
यही खालीपन ही तो …… लिख लाया हम दोनों का नसीब ।

कुछ है खाली , हम दोनों के बीच ……… अपनी साँसों से , जो तुम भरते हो ,
कुछ है खाली , हम दोनों के बीच ……… अपनी बातों से , जो मैं भरती हूँ ।

मैं हर रोज़ ……… ये खुद से सवाल करूँ ,
कि क्यूँ हर पल अपने अंदर ……… तुम्हारा अक्स भरूँ ,
तुम हर रोज़ …… ये मुझको जवाब दो ,
कि मेरे खालीपन की …… तुम दवा बनो ।

कुछ है खाली , हम दोनों के बीच ……… अपनी साँसों से , जो तुम भरते हो ,
कुछ है खाली , हम दोनों के बीच ……… अपनी बातों से , जो मैं भरती हूँ ।

एक उम्र यूँही गुजर गई ……… एक उम्र में अब समझ बढ़ी ,
कि रिश्तों में एक भेद है ……… जिसमे दिलों का मेल है ,
तुम अपनी साँसों से …… जिसे अक्सर भरते हो ,
मेरे खालीपन को आकर के …… अपने खालीपन से पूरा करते हो ।

कुछ है खाली , हम दोनों के बीच ……… अपनी साँसों से , जो तुम भरते हो ,
कुछ है खाली , हम दोनों के बीच ……… अपनी बातों से , जो मैं भरती हूँ ।।
***

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