This Hindi Poem highlights the feelings of a beloved in which she is wishing some fantasies for Her Lover on the occasion when she will be going to meet with Him physically.
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Hindi Love Poem – Kabhi Milo To
Photo credit: anitapeppers from morguefile.com
कभी मिलो तो नज़र मिला लें ………. ऐसी नियत से हमें तकना ,
चुपके-चुपके से धुन कोई सुना दें …… ऐसे बाहों में हमें जकड़ना ।
तुम्हारे तकने में वो अदा है ……… कि हम संभलते हुए गिर जाते ,
कभी तन्हाई में , कभी संग तेरे …………. सहमे-सहमे से पिघल जाते ।
कभी मिलो तो अपना दामन बचा लें ………. ऐसी नियत से उसे पकड़ना ,
हौले-हौले से अपनी साँसों को ठहरा दें …… ऐसे खामोशी से उनमे उतरना ।
तुम्हारे जिस्म में वो गर्मी है ………. कि हम शोला सा बन जाते ,
कभी पानी से , कभी बर्फ से …… बहते तो कभी जम जाते ।
कभी मिलो तो तुम्हे देख मुस्कुरा दें ………. ऐसे जवाबों में हमें रखना ,
बहके-बहके से अपनी धड़कनों को धड़का दें …… ऐसे सीने पर हाथ रखना ।
तुम्हारी वो नशीली सी बातें ………. हमें रोज़ कर देती हैं दीवाना ,
कभी कानों में , कभी साँसों में …… छेड़ देती हैं एक तराना ।
कभी मिलो तो अपने लबों से तुम्हे पुकारें ………. ऐसे तरानों को गर्म रखना ,
मद्धम-मद्धम से सुर नए सज़ा लें …… ऐसे सुरों में अपने सुरीले गीत भरना ।
तुम्हारे अंगों को देख कर ऐसा लगे ………. जैसे यौवन हो फिर से कहीं आया ,
कभी दरिया ने , कभी समुन्दर की लहरों ने ……… हमें फिर से हो नहलाया ।
कभी मिलो तो हमारे यौवन की इस कसक को ………. अपने अंदर महसूस करना ,
दहकते-दहकते से हमारे जिस्म के हर अंग को …… अपने जिस्म की अधूरी सी प्यास समझना ।
तुम्हारे साथ जीने की ख्वाइश लिए ………. हम रोज़ ख्यालों में मरते हैं ,
कभी दिल में , कभी इस जाँ में , तुम्हे अपने संग लिपटा ……… अधूरे से मचलते हैं ।
कभी मिलो तो हमें पूरा अपने अंदर समां लो ……… ऐसी चाहत से हमसे मिलना ,
गहरे-गहरे से हमारे मन को और गहरा दो …… ऐसी गहराई से हमारे अंदर उतरना ।
कभी मिलो तो नज़र मिला लें ………. ऐसी नियत से हमें तकना ,
चुपके-चुपके से धुन कोई सुना दें …… ऐसे बाहों में हमें जकड़ना ।।
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