This Hindi poem highlights the pain of a beloved, in which she wants to reunite with her Lover but due to some circumstances, she curses Him too to go away from her Life.
हर बार ये दिल………. तेरे पास आने की दुआ माँगे ,
फिर उसी दुआ में तुझे दूर जाने की ……… बददुआ से नवाज़े ।
ये किस भँवर में दिल ने मुझे लाकर ………. है छोड़ दिया ,
जिसमे खड़ी मैं दुआ और बददुआ ………. को तोलती कहीं ।
हर बार ये दिल………. तेरे साथ की ख्वाइश माँगे ,
फिर उसी ख्वाइश में तुझे सपने की ……… एक किस्मत से तराशे ।
तेरे साथ में ढूँढती हूँ मैं ………. अक्सर कई रंगीन सपने ,
जिसमे होती है एक प्यास ……पाने की कुछ अनगिनत लम्हे ।
हर बार ये दिल………. तेरे साथ की तलब माँगे ,
फिर उसी तलब में तुझे छोड़ जाने की ……… एक तड़प से दूर भागे ।
बहुत प्यारा सा होता है अक्सर …………वो हम दोनों का मिलन ,
एक ओर जिसमे कशिश होती है ……… और दूजी ओर होती है एक तपन ।
हर बार ये दिल………. तेरे साथ की तपन को माँगे ,
फिर उसी तपन में तुझे जल जाने की ……… सज़ा से बाँधे ।
तेरा वो आँखों का मिलना …………और लबों का इशारा ,
मुझे मदहोश करता है ……… तेरा वो मचलने का नज़ारा ।
हर बार ये दिल………. तेरे मचलने पर बच के भागे ,
फिर उसी भागी हुई लगन से तुझे ……… और दूर जाने की शर्तों से बाँधे ।
तूने ये कैसी कहानी बना दी है अपनी ………. ओ मेरे यारा ,
जिसको लिखते-लिखते अब तो कहीं ………. मेरा जिस्म भी है हारा ।
हर बार ये दिल तेरे आगे हार के ………. और भी जीते ,
फिर उसी जीत से तुझे फिर से हराने की तड़प से ……… खुद को सींचे ।
हम जानते हैं कि अपना ये मिलन सदा यूँ ही ………. दफन होकर के जिएगा ,
ना इसमें तेरा कोई दर्द होगा ………. और ना मेरा कोई दर्द ही दिखेगा ।
हर बार ये दिल उसी दर्द की दवा ………. तुझसे माँगे ,
फिर उसी दवा को तुझे उसे ज़हर में बदलने की ……… चाहत से नवाज़े ॥
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