गले ये जिस्म , गले ये जान ……… तेरी बेवफ़ाई से ,
गले ये आत्मा नादान ……… तेरी बेवफ़ाई से ।
खुद को कर बंद , हम चलते रहे …… वीरान ख़्वाबों में ,
जहाँ दिखते नहीं सपने ……. और मिटती ख्वाइशें रातों में ,
दुखता है मन , और ये बदन ……. तेरी बेवफ़ाई से ,
गले ये जिस्म , गले ये जान ……… तेरी बेवफ़ाई से ।
नहीं लगता अब मन कहीं ……खुशियों को पाने का ,
नहीं करता अब मन कहीं ……. इस तन में खाना खाने का ,
निकलता है दम , और ये आँखें हैं नम ……. तेरी बेवफ़ाई से ,
गले ये जिस्म , गले ये जान ……… तेरी बेवफ़ाई से ।
बहुत सोचा , चलें कहीं …… इस अपने दिल को बहलाने ,
मगर फिर लौट आए यहीं ……. जहाँ है तन्हाई के अफ़साने ,
दिखता है गम , लुटते हैं सपन ……. तेरी बेवफ़ाई से ,
गले ये जिस्म , गले ये जान ……… तेरी बेवफ़ाई से ।
नफरत की आदत डाल ली अब …… हमने ज़माने से ,
नफरत सी हो गई है अब ……. हमको ज़माने से ,
रिश्ते हो गए अब बहुत कम , मिल गए गम ……. तेरी बेवफ़ाई से ,
गले ये जिस्म , गले ये जान ……… तेरी बेवफ़ाई से ।
जाम को उतार सीने में …… जाम की कदर बढ़ी ,
कश धुएँ के बनाकर पीने में ……. एक ज़िंदगी घटी ,
मिटते हैं भ्रम , मिटती है कसम ……. तेरी बेवफ़ाई से ,
गले ये जिस्म , गले ये जान ……… तेरी बेवफ़ाई से ।
एक उम्र को अपने हाथों घटा के …… सुकून सा मिला ,
एक उम्र में अपना तन गला के ……. सुकून सा मिला ,
कुछ कम होती है तपन , कुछ बिकते और गम ……. तेरी बेवफ़ाई से ,
गले ये जिस्म , गले ये जान ……… तेरी बेवफ़ाई से ।
गला-गला के जब देखा ……तो गलता एक वजूद नज़र आया ,
जो छोड़ चुका था , कब का एक ज़िंदगी ……. बस अब था , एक हड्डियों का सा साया ,
गलता है ये तन , और ये मन ……. तेरी बेवफ़ाई से ,
गले ये जिस्म , गले ये जान ……… तेरी बेवफ़ाई से ।
गले ये जिस्म , गले ये जान ……… तेरी बेवफ़ाई से ,
गले ये आत्मा नादान ……… तेरी बेवफ़ाई से ।
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