[Adhuri Abhilasha – Hindi Poems on Love]
1. अधूरी अभिलाषा – Hindi Poems on Love
जो ख्वाब सजाये थे आँखों में, लगता है वो टूट गए..
जीवन के अरमान जो थे, वो सब पीछे छूट गए…
सपनो की दुनियां में हम भी ख्वाब सजाया करते थे,
कभी आसमान छूने के खातिर, पंख लगाया करते थे ,
अब ख्वाब खिलौनों की तरहा, लगता है सब फूट गए..
जीवन के अरमान जो थे, वो सब पीछे छूट गए ….
कभी ग़मों और तन्हाई में,
कभी यारों की रुसवाई में ,
अब महफ़िल महलों में ख़ुशी नहीं,
कभी खुश थे एक रजाई में ..
इन इच्छाओं के चक्रव्यूह में, हम खुद को ही लूट गए …
जीवन के अरमान जो थे, वो सब पीछे छूट गए ….
वो संग हमारे चलने को, तब वादे हमसे करते थे,
हर ख़ुशी और तन्हाई में, वो संग हमारे रहते थे ,
फिर एक समय ऐसा आया,जब वो भी हम से रूठ गए..
जीवन के अरमान जो थे, वो सब पीछे छूट गए ….
by vishnu
2. अधूरी अभिलाषा – Hindi Poems on Love
काई जाल बिछाने पड़ते है, काई भेष बनाने पड़ते है …
कभी किसी एक चीज को पाने में, काई दोस्त बनाने पड़ते है ..
जीवन के किसी मोड़ पे जब, कोई ऐसा भी मिल जाता है …
जो सारी उमर छुपाये है, वो राज़ बताने पड़ते है ….
जब प्यार छुपाये ख्यालों में , कोई दस्तक देने आता है, …
तब जाग रात भर आंखों में, कुछ फूल खिलने पड़ते है ..
प्यार मुहब्बत की राहों में , एक ऐसा वक्त भी आता है …
जब उनकी एक झलक के खातिर, काई प्लान बनाने पड़ते है ..!!
by vishnu
3. अधूरी अभिलाषा – Hindi Poems on Love
आँखों में ख्वाब खुदी में जलजला ,
दिल में हौसले का कारवां रखते हैं ..२
न जाने दिन कहाँ बीते , रात कहाँ गुजरे ..
पर दर पे उसके अपना आशियाँ रखते हैं ..
चलना है अगर साथ तो कमर बांध ले मेरे दोस्त
क्योंकि आज हम कदम यहाँ तो कल वहां रखते हैं …
वैसे तो गैरों की बातों का भरोषा नहीं मुझको ,
पर दोस्तों की बातों में अपनी दुनिया रखते है..
आँखों में आंशू आये तो पुकारना हमें ..
क्योंकि सरे जहाँ का गम हम यहाँ(heart) रखते है…!!!!
by vishnu
4. अधूरी अभिलाषा – Hindi Poems on Love
वो नहीं मेरी मगर उससे मुहब्बत है तो है -2
इन अगर रस्मो रिवाजों से बगावत है तो है .
सच को मैंने सच कहा , और कह दिया तो कह दिया -2
अब ज़माने की नजर में , ये शरारत है तो है.
जल गयी शम्मा तो परवाने की इसमें क्या खता -2
रात भर जलना जलाना , उसकी किस्मत है तो है.
दोस्त बनकर दुस्मानो सा वो सताती है मुझे-2
फिर भी उस जालिम पे मरना, अपनी फितरत है तो है.
कब कहा मैंने की वो मिल जाये मुझको मै उसे-2
गैर न हो जाये , बस इतनी सी हसरत है तो है.
दूर थे और दूर है हरदम जमीनों आसमां-२
दूरियों के बाद भी दोनों में कुर्बत है तो है.
वो नहीं मेरी मगर उससे मुहब्बत है तो है -2
इन अगर रस्मो रिवाजों से बगावत है तो है .
by vishnu
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