• Home
  • About Us
  • Contact Us
  • FAQ
  • Testimonials

Your Story Club

Read, Write & Publish Short Stories

  • Read All
  • Editor’s Choice
  • Story Archive
  • Discussion
You are here: Home / Hindi / WORLD OF DARK 2

WORLD OF DARK 2

Published by Ankit kumar Gaur in category Hindi | Hindi Story | Suspense and Thriller with tag blood | bride | room

bride-groom

Suspense Hindi Story – WORLD OF DARK 2
Photo credit: grietgriet from morguefile.com

अगले दिन पंडित जी के साथ लड़के के माता पिता और लड़का नेहा के घर पहुंचे। पलक और राजन ने उनका सवागत किया।पंडित जी ने सबकी जान पहचान करवाई, उनके आने कि ख़बर सुनकर नेहा जल्दी से बाहर वाले कमरे की तरफ़ आई और छुप कर राहुल को देखना चाह पर उसकी पीठ नेहा की तरफ
थी तो नहीं देख पायी,तभी पलक ने पूछा तुम क्या लोगे राहुल तो राहुल ने पीछे मुड़कर कहा कुछ नहीं आंटी जी तो नेहा की नज़र राहुल पर पड़ी गोरा चिट्टा कंधे से थोड़े छोटे बाल और जैकेट मैं स्मार्ट लग रहा था नेहा उसे देखती रह गयी तभी राहुल की माँ ने कहा नेहा कहाँ है , अभी लाती हूँ कहकर पलक कमरे में गयी तो नेहा को दरवाज़े के पीछे पाया फिर उसके सर पर चुन्नी रखकर उसे बाहर ले आई …

उसे रहुल की माँ कोमल ने अपने पास बिठाया और कहा हमें आपकी लड़की पसंद है अपने बेटे के लिए।

फिर शादी की तारीख तय कर ले-कमलेश बोले

बिलकुल -पंडित ने कहा -अगले महीने की तारीख बिलकुल सही है शादी के लिए

इतनी जल्दी-पलक ने पुछा ?

हाँ -पंडित ने कहा -इसके बाद एक साल तक कोई सुभ मुहूर्त नहीं है।

अरे कोई बात नहीं है-बस थोड़ी तयारी ज्यादा करनी पड़ेगी –कोमल ने कहा,

ठीक है – राजन ने कहा – फिर अगले महीने ठीक है

फिर सब वहां से चले गये नेहा खिड़की में से राहुल को जाते हुए देखती रही।

धीरे धीरे समय गुज़रता और शादी का दिन आ इस बीच राहुल और नेहा की कोई बात नहीं हुई थी,फिर शादी वाले दिन शादी की सब रस्मे पूरी हुई और जब नेहा जाने लगी तो माँ के गले से लिपट गयी,

माँ ने समझाया बेटा ये तो समाज का रिवाज़ है और तुम दूर कहाँ जा रही हो पास मैं ही हो जब मन करे चली आना,,,,

फिर नेहा ने पास मैं खड़े पिता को भी गले लगाया उन्होंने कहा बेटा कभी भी जरुरत हो तुम्हारा पिता हमेशा तुम्हारे साथ है,फिर नेहा और राहुल ने सबके पैर छु कर आशीर्वाद लिया और कार मैं बैठ गये ,,

नेहा वहां से रवाना होकर अपने ससुराल पहुंची,,बहुत ही आलिशान बंगला था काम मेन गेट पर रुकी दोनों नीचे उतरे और दरवाज़े के पास पहुंचे वहां सवागत के लिए उसकी दोनों ननद शिल्पा और माया पहले से खड़ी थी,जो नेहा से ज्यादा नहीं तो कम सुन्दर भी नहीं थी ,पुरे सवागत के साथ नेहा ने अन्दर कदम रखा,,
फिर कोमल ने कहा बेटा नेहा को कमरे में ले जाओ थक गयी होगी आराम कर लेगी,,माया ने आगे बढ़कर नेहा का हाथ थामा और उसे ऊपर ले गयी जैसे ही नेहा ऊपर पहुंची उसकी नज़र सामने वाले कमरे पर पड़ी जिसपर अजीब सा ताला लगा हुआ था ये कमरा किसका है नेहा ने पुछा ?

किसी का नहीं-पीछे से आवाज़ आई -मुड़कर देखा तो कोमल थी ,,

ये कमरा राहुल के दादाजी का था उनके मरने के बाद से ये कमरा कभी नहीं खुला है तुम अपने कमरे में जाकर आराम कर लो थक गयी होगी,,

नेहा ने सहमती मैं सर हिलाया और अपने कमरे में चली गयी माया के साथ,,

भाभी ये है आपका कमरा -माया बोली-आप आराम करो बाद में मिलते है फिर माया चली गयी,,

नेहा बेड पर बैठ गयी जैसे ही उसने आराम करने के लिए अपना सर पीछे रखना चाहा,,,

ऊँऊँऊँऊँऊँऊँऊँऊँऊँऊँऊँऊँऊँ,,,,,उसके कानो में एक आवाज़ गूंजी

वो घबराकर उठ कर बैठ गयी और इधर उधर नज़र दोराई पर कोई नहीं था, वो फिर बेड पर बैठ गयी

ऊंऊंऊंऊंऊंऊंऊंऊंऊंऊंऊं,,,,फिर उसके कानो मैं आवाज़ गूंजी वो घबराकर उठी और पीछे हटी तो किसी से टकरा गयी ..नेहा ने घबराकर देखा तो वो राहुल था उसे देखकर नेहा ने उसे बताया,,

तुम्हारा वहम होगा-राहुल ने सुनने के बाद कहा -देखो कहाँ आ रही है वो बाहर हवा चल रही है और खिड़की भी खुली है तो तुम्हे ऐसा लगा होगा,हवा चलने से आवाज़ का वहम हुआ होगा , नेहा ने देखा खिड़की सही मैं खुली थी और हवा चल रही थी तो उसे कुछ राहत मिली,,में तुम्हे देखने ही आया था तुम आराम करो मैं माँ से मिल कर आता हूँ,,कहकर राहुल चला गया,,

कैसी है- कोमल ने राहुल से पुछा?

थोडा डर गयी थी-राहुल ने कहा,

उसका ख्याल रखना-कोमल ने राहुल को कहा ,,

ठीक है माँ कहकर राहुल वापस आ गया तो देखा नेहा सो चुकी थी,राहुल ने प्यार से उसे देख और फिर खुद भी सो गया,

अगले दिन सुबह नेहा के कानो मैं आवाज़ पड़ी ,चाय चाय- उसने आँखे खोली तो राहुल पास मैं चाय लिए बैठा था,नेहा ने हार्बर कर उठ कर टाइम देखा तो सुबह के 8 बज गये थे,

अरे घबराओ मत -उसे देख राहुल बोला- शादी की इतनी थकावट में कभी नींद जल्दी नहीं खुलती है तुम चाय पीओ और तैयार होकर नीचे आ जाओ नाश्ते के लिए में नीचे हूँ फिर राहुल चला गया तो नेहा भी जल्दी से तैयार होकर नीचे आ गयी, टेबल पर सब बैठ गये नाश्ता करने तो राहुल ने कहा -मुझे 10 दिनों के लिए बाहर जाना पड़ेगा प्रोजेक्ट के लिए,

नेहा ये सुनकर एकटक राहुल को देखती रही अभी उनकी जिंदगी शुरू भी नहीं हुई और पहले दिन ही राहुल बाहर जा रहा था,नेहा को देख राहुल बोला-पहले कोई और जा रहा था पर उसकी अचानक ख़राब हो गयी तो मुझे ही जाना पड़ेगा,में भी नहीं जाना चाहता था पर मज़बूरी है,पर जल्दी ही आ जाऊंगा,

ठीक है -कमलेश ने कहा -जल्दी आ जाना।

फिर कमरे में सामान पैक करते समय नेहा को बैठा कर राहुल ने कहा देखो में खुद नहीं जाना चाहता हु पर जाना पड़ेगा 10 दिनों की तो बात है,फिर कहीं नहीं जाऊंगा वादा,,,,फिर नेहा ने मुस्कुराकर कहा ठीक है ,,फिर राहुल सबसे मिलकर वहां से निकल गया,

उसी शाम नेहा अपने कमरे से निकल कर नीचे जाने लगी तभी सीढ़ी के पास राखी भरी लकड़ी उसके पैरों पर गिरी और उसका नुकीला हिस्सा उसके पैर में घुस गया और खून निकलने लगा,, उसके चिल्लाने की आवाज़ सुनकर सब वहां आ गये खून निकलता देख कोमल ने नेहा को उठाया और कमरे में ले गयी वहां उसकी पट्टी की और कहा आराम कर लो फिर नेहा को लिटा दिया और सब वहां से चले गये,

शाम के टाइम जैसे ही नेहा की आँख खुली वो घबराकर पीछे हट गयी,,,माया ठीक उसके सर पर खड़ी थी,

अरे भाभी में तो आपको बुलाने आई हूँ खाने के लिए,

ऒओह्ह्ह्ह -नेहा के मुह से चैन की आवाज़ निकली-फिर नेह उठी और माया के साथ नीचे आ गयी, अब उसका दर्द भी कम था पहले से,वहां सब पहले से बैठे थे माया और नेहा भी बैठ गये ,

अब दर्द कैसा है-कोमल ने पूछा

अब ठीक है मम्मी जी-नेहा ने दिया जवाब दिया,

फिर खाना खाकर सब अपने कमरे में चले गये,

अचानक रात को नेहा की आँख खुल गयी,,,,,किसी के कदमो की आहट सुनाई दी उसे ऐसा लग रहा था कोई सीढ़ी चढ़ रहा था फिर वो आवाज़ उसके कमरे की तरफ आने लगी,,नेहा की जान ही अटक गयी थी,,इतनी रात को कौन हो सकता है,,, वो आहट उसके कमरे के पास आई तो नेहा का डर और गया ,,,,मगर वो आहट उसके कमरे से आगे बढ़ गयी,,,नेहा ने रहत की साँस ली और सोचा कोई घरवाला होगा,,,मगर तभी उसकी आँखे पहले से ज्यादा फ़ैल गयी साँस ऊपर नीचे होने लगी क्योंकि उसके कानो में साथ वाला दरवाज़ा खुलने की आवाज़ आई,, वो डरते डरते उठी और अपने कमरे के दरवाज़े के पास कान लगाकर सुनना चाहा पर असफल रही,फिर उसने हिम्मत करके दरवाज़ा खोला और बहार देखा तो हल्का अँधेरा था, किसी तरह हिम्मत करके बाहर आई और आगे बढ़कर साथ वाला कमरा देखा तो हैरान रह गयी क्योंकि वहां तो ताला लगा हुआ था,ये कैसे हो सकता है मैंने खुद इस कमरे के खुलने की आवाज़ सुनी थी,उसे कुछ समझ नहीं आया तो वापस कमरे में आकर लेट गयी,फिर उसकी आँख सुबह आलार्म के साथ खुली जो उसने खुद लगाया था ताकि लेट न उठे,वो जल्दी से तैयार हुई और नीचे किचन में आ गयी,

वहां नोकरानी रानो पहले से थी।

बीबीजी आप-नेहा को देखते हो रानो बोली,

हाँ-नेहा ने कहा -लाओ में कुछ मदद कर देती हूँ

नहीं बीबीजी -आप रहने दो आप बस बैठो में कर देती हूँ,

नहीं-नेहा ने कहा- में भी मदद करुँगी तुम्हारी ये सब्जी बनानी है लाओ में काट देती हूँ वहां पड़ी सब्जी देखकर नेहा ने कहा और चाकू लेकर सब्जी काटने लगी,
चाकू ज्यादा तेज़ था था सब्जी कटते ही नेहा का हाथ भी कट गया और खून बहने लगा ,

बीबीजी कहा था न में कटती हूँ -रानो ने घबराकर कहा,

अरे ये क्या हुआ -तभी कोमल वहां आ गयी,
कुछ नहीं माँ -नेहा बोली -में भी मदद करना चाहती थी बस शायद चाकू तेज़ था तो थोड़ा कट गया,

इसे साफ़ कर देना खून की तरफ देखकर कोमल ने रानो से कहा और फिर नेहा को ले गयी

,फिर उसके हाथ पर दवाई लगाकर पट्टी कर दी,

फिर कहा बेटा अभी तुम्हारी शादी हुई है कुछ दिन आराम कर लो फिर जो मन करे करना ठीक है ,

फिर रानो सबके लिए चाय ले आई सब अब तक उठ गये थे चाय पी, नेहा दोपहर को अपने कमरे में बैठी थी,तो उसे प्यास लगी उसने देखा वहां पानी खत्म था,
तो नीचे आ गयी और फ्रिज से पानी निकल कर पी रही थी तभी उसकी नज़र नीचे पड़ी जहाँ उसका खून गिर था,वहां अभी तक खून का निशान था, लगता है साफ़ करना भूल गयी-नेहा ने खुद से कहा और कपड़ा उठा लिया साफ़ करने के लिए,

क्या कर रही हो,,,,,,,

आवाज़ सुनकर नेहा चोंकी, पीछे मुड़कर देखा तो वो कोमल थी

कुछ नहीं मम्मी वो खून साफ़ नहीं हुआ तो कर रही थी,

नहीं –वो गरजकर बोली तो नेहा सकपका गयी—अरे मेरा मतलब रानो कर देगी तुम क्यों कर रही हो, उसने आवाज़ दी तो रानो आ गयी,,फिर कोमल बोली ये साफ़ नहीं हुआ है साफ़ कर देना,तुम चलो नेहा,

फिर नेहा को लेकर वो अपने कमरे में आ गयी,

पता है नेहा तुम्हे देखकर लगता है शादियों की तलाश पूरी हो गयी है,

समझी नहीं -नेहा ने पूछा

मतलब जब से राहुल पैदा हुआ है तब से उसके लिए एक अच्छी लड़की की तमन्ना थी जो तुम पर ख़त्म हुई,

नेहा शरमा गयी

तभी कोमल का फोन बजा,,नंबर देखकर कोमल ने कहा बेटा जरुरी काल है

ठीक है मम्मी आप बात कीजिये मैं चलती हूँ

ठीक है बेटा

शाम का समय था नेहा कमरे मे बैठे बैठे बोर हो गयी थी तो सोचा थोड़ा बाहर घूम आये ,मम्मी जी से पूछने उनके कमरे में गयी

नहीईईईईईईईईइ —–कोमल ने सुनते ही साफ़ चिल्लाकर मना किया

नेहा घबरा गयी, उसे घबराया देख कोमल ने कहा बेटा नयी दुल्हन बाहर नहीं जाती है समझती हो ना ?

नेहा ने हाँ में सर हिलाया, फिर किचन में आ गयी,वहां कारपेट बिछाया हुआ था,ये क्या है उसने रानो ने पूछा ?

वो साहब ने कहा था तो मैंने बिछा दिया वो कह रहे थे की इससे अच्छा लगेगा,

किचन में कारपेट नेहा को थोडा अजीब लगा पर कुछ नहीं बोली और वहीँ कुर्सी पर बैठ गयी और रानो से बात करने लगी, अच्छा तुम यहाँ पर कब से काम कर रही हो ?

रानो ने नेहा की तरह देखा ……….फिर कहा जब से ये लोग यहाँ पर है,

अच्छा तो ये लोग कब से यहाँ पर है,

ये …………………..

रानो चाय बन गयी लाओ -शिल्पा ने आवाज़ दी

मैं आती हूँ बीबीजी कहकर रानो चाय लेकर चली गयी

नेहा भी उठकर जाने लगी तो कारपेट से उसका पैर उलझ गया और थोड़ा कारपेट उलट गया,

और उसने जो देख उसे देखकर दंग रह गयी उसका खून जो गिरा था अभी तक साफ़ नहीं हुआ था, कहीं भी खून गिरता है तो लोग उसे पहले साफ़ करते है पर यहाँ अभी तक क्यों नहीं हुआ था और तो और कारपेट से उसे छुपा दिया गया था, कहीं तभी तो कारपेट नहीं बिछाया गया था, कुछ सोचकर वो सीढ़ी की पास गयी जहाँ पर भी खून गिरा था उसने देखा वहां भी कारपेट बिछा था कुछ सोचकर कारपेट उठाया तो होश उड़ गए वहां भी खून का निशान था। फिर वो अपने कमरे में आ गयी।

पर उसके दिमाग में कई सवाल थे आखिर क्या कारण है दो बार कहने पर भी खून साफ़ नहीं हुआ और साफ़ करने की जगह उसे कारपेट से छुपा दिया गया?
और वो साथ वाला दरवाज़ा आखिर क्या है उसके पीछे ,जो पिछली रात उसने उसके खुलने की आवाज़ सुनी वो उसका वहम था या कुछ और बात थी ?
अपने कमरे में बैठे वो खुद से ही सवाल कर रही थी,पर एक का भी जवाब नहीं मिल रहा था उसे ?

__END__
<<<<<>>>> ANKIT AND MONA

Read more like this: by Author Ankit kumar Gaur in category Hindi | Hindi Story | Suspense and Thriller with tag blood | bride | room

Story Categories

  • Book Review
  • Childhood and Kids
  • Editor's Choice
  • Editorial
  • Family
  • Featured Stories
  • Friends
  • Funny and Hilarious
  • Hindi
  • Inspirational
  • Kids' Bedtime
  • Love and Romance
  • Paranormal Experience
  • Poetry
  • School and College
  • Science Fiction
  • Social and Moral
  • Suspense and Thriller
  • Travel

Author’s Area

  • Where is dashboard?
  • Terms of Service
  • Privacy Policy
  • Contact Us

How To

  • Write short story
  • Change name
  • Change password
  • Add profile image

Story Contests

  • Love Letter Contest
  • Creative Writing
  • Story from Picture
  • Love Story Contest

Featured

  • Featured Stories
  • Editor’s Choice
  • Selected Stories
  • Kids’ Bedtime

Hindi

  • Hindi Story
  • Hindi Poetry
  • Hindi Article
  • Write in Hindi

Contact Us

admin AT yourstoryclub DOT com

Facebook | Twitter | Tumblr | Linkedin | Youtube